हाई नीज- जानिए इस एक्सरसाइज के अभ्यास का तरीका और अन्य जरूरी बातें

हाई नीज- जानिए इस एक्सरसाइज के अभ्यास का तरीका और अन्य जरूरी बातें

हाई नीज एक सरल और प्रभावी एक्सरसाइज है, जो आपके कार्डियोवस्कुलर सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह एक्सरसाइज न केवल दिल की धडक़न को तेज करती है, बल्कि पैरों और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बना सकती है। इसे कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है, जिससे यह रोजाना की फिटनेस दिनचर्या में शामिल करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। इसके अलावा यह वजन घटाने में भी मददगार होता है।

हाई नीज कैसे करें?
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, फिर घुटनों को बारी-बारी से ऊंचा उठाएं, जैसे कि आप दौड़ रहे हों। ध्यान रखें कि आपके घुटने कम से कम आपकी कमर तक पहुंचें। इसमें अपने हाथों का उपयोग संतुलन बनाए रखने के लिए करें और उन्हें आगे-पीछे हिलाएं।इस प्रक्रिया को लगातार 30 सेकंड से 1 मिनट तक दोहराएं। अगर आप इसकी शुरुआत कर रहे हैं तो धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

हाई नीज के फायदे
हाई नीज करने से दिल तेजी से धडक़ता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है।यह एक्सरसाइज आपके पैरों और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है, जिससे आपकी शारीरिक सहनशक्ति बढ़ सकती है।इसके अलावा यह कैलोरी जलाने में भी मददगा है, जो वजन घटाने के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस एक्सरसाइज को नियमित करने से आपकी फिटनेस स्तर में सुधार होता है।

हाई नीज करते समय सावधानियां
हाई नीज करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि चोट लगने का खतरा न हो।सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आप सही तरीके से खड़े हैं और आपके पैर जमीन पर मजबूती से टिके हुए हैं।अपने घुटनों को ऊंचा उठाते समय संतुलन बनाए रखें। अगर आपको किसी प्रकार की दर्द या असुविधा महसूस होती है तो तुरंत रुक जाएं और डॉक्टर से सलाह लें। एक्सरसाइज के दौरान आरामदायक कपड़े पहनें और पर्याप्त पानी पिएं।

हाई नीज को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
हाई नीज को अपनी फिटनेस दिनचर्या में शामिल करना आसान होता है। इसे आप वार्म-अप एक्सरसाइज के रूप में कर सकते हैं या फिर मुख्य वर्कआउट का हिस्सा बना सकते हैं।इसे अन्य कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज जैसे जॉगिंग या स्किपिंग के साथ मिलाकर किया जा सकता है ताकि आपको अधिकतम लाभ मिल सके।इस प्रकार हाई नीज एक सरल लेकिन प्रभावी एक्सरसाइज है, जो आपकी कार्डियोवस्कुलर सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।

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