Category: Blog

यदि मनुष्य है तो ईमानदारी से सोचे

हरिशंकर व्यास ईमानदारी से सोचे, यदि मनुष्य है तो जरूर सोचे। हम क्या होते हुए है? क्या ईमानदारी, सदाचारी, सत्यवादी, विन्रम, संतोषी,  विश्वासी और प्रेम व करूणा, अंहिसा के सनातनी व्यापक धर्म की नैतिक मंजिले पाते हुए है या भ्रष्ट-बेईमान, झूठे, अंहकारी, भूखे, अविश्वासी, घृणा-नफरत, हिंसा से मन-मष्तिष्क, चित्त-वृति को भरते हुए है? मेरा मानना […]

भारत में स्वास्थ्य सेवा में बदलाव- आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई का प्रभाव और वादा

विनोद के पॉल राजू (बदला हुआ नाम), आयु 18 वर्ष, को सामान्य रूप से चलते हुए भी सांस लेने में तकलीफ होती थी और वह थकान महसूस करता था। साल 2017 में उसे सीने में दर्द के कारण दिल की गंभीर बिमारी से पीडि़त होने के बारे में पता चला। इलाज की अंतहीन जद्दोजहद में […]

विमानों और पायलटों पर जाँच कड़ी ही नहीं औचक भी होनी चाहिए

रजनीश कपूर मामला देश की एक नई निजी एयरलाइन का है। इसके पास मात्र 25 हवाई जहाज़ हैं। हाल ही में उनमें से 14 हवाई जहाज़ों में रडर कंट्रोल सिस्टम’ (पतवार नियंत्रण सिस्टम) को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन डीजीसीए द्वारा नोटिस दिया गया। ग़ौरतलब है कि रडर कंट्रोल सिस्टम’ विमान को इंजन फेल […]

खाद्यान्नों की महंगाई नहीं रूक रही

अजीत द्विवेदी एक बार फिर सरकार की ओर से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए हैं और एक बार फिर कहा गया है कि खाने पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। जब भी महंगाई दर बढ़ती है तो लगभग […]

पार्टियां मुफ्त की रेवड़ी के नाम पर वोट लेती रहेंगी

अजीत द्विवेदी देश में चुनाव का सीजन चल रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद दो राज्यों के चुनाव हुए हैं और दो अन्य राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। अगर पूछा जाए कि इस साल के हर चुनाव का केंद्रीय मुद्दा क्या था तो जवाब होगा, मुफ्त की रेवड़ी। चुनाव में और […]

कांग्रेस कमाल की पार्टी, रोने बिसूरने में लगी

अजीत द्विवेदी कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले […]

शास्त्रीय भाषाओं का विस्तार

अशोक शर्मा भारत सरकार ने पांच नयी भाषाओं को ‘शास्त्रीय’ (क्लासिकल) भाषाओं की श्रेणी में शामिल किया है।  ये भाषाएं हैं- मराठी, पाली, प्राकृत, असमी एवं बांग्ला।  संस्कृत, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और उड़िया पहले से ही इस सूची में हैं।  इस प्रकार अब देश में मान्यता प्राप्त शास्त्रीय भाषाओं की कुल संख्या 11 हो […]

भविष्य की राह : ईवी चार्जिंग के लिए दिशा- निर्देश, 2024

समीर पंडिता भारत का लक्ष्य 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना है, इसलिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, ईवी को व्यापक रूप से अपनाना एक विश्वसनीय और सुलभ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग […]

एक भारत श्रेष्ठ भारत- भारतीय फिल्मों की एकसूत्र में बांधने की शक्ति

अश्विनी वैष्णव प्रख्यात फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने लोगों को एकसूत्र में बांधने की सिनेमा की शक्ति के  सार को पकड़ते हुए कहा था, सिनेमा एक सार्वभौमिक भाषा बोलता है। अपनी व्यापक भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता के साथ, भारतीय सिनेमा देश के हरेक कोने के लोगों को एक साथ लाता है जिससे उन्हें एक जैसी […]

हर नाकामी आपको कामयाबी की अहमियत बताती है

सुशील कुमार सिंह वाशु भगनानी और जैकी भगनानी पर अनेक लोग उन भुगतान नहीं करने के आरोप लगा रहे हैं। ‘बड़े मियां छोटे मियां’ को इस साल की सबसे बड़ी फ्लॉप माना गया है। यह इन्हीं पिता-पुत्र की फि़ल्म थी जो हिंदी की सबसे महंगी फि़ल्मों में गिनी जाती है। इसे बनाने पर 350 करोड़ […]

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